
14 मुखी रुद्राक्ष - अंतर्ज्ञान, शक्ति और मुक्ति के लिए शिव की तीसरी आँख
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14 मुखी रुद्राक्ष - परम शिव का प्रतीक, त्रिकालदर्शी दृष्टि का उपहार
"चौदह मुखी रुद्राक्ष परम शिव का स्वरूप है। इसे माथे पर धारण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं तथा मुक्ति और आध्यात्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।"
- शिव पुराण, रुद्राक्ष महात्म्य
14 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव की तीसरी आँख का प्रतीक माना जाता है, जो दिव्य अंतर्ज्ञान और आंतरिक दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है।
यह धारणकर्ता को त्रिकालदर्शिता का आशीर्वाद देता है - अतीत, वर्तमान और भविष्य को स्पष्टता से देखने की क्षमता।
यह रुद्राक्ष न केवल व्यक्ति को पिछले कर्मों के बोझ से मुक्त करता है, बल्कि आत्मा को धार्मिकता, आंतरिक ज्ञान और उन्नत चेतना की ओर भी ले जाता है।
यह विपरीत परिस्थितियों में निर्भयता, निर्णयों में स्थिरता और जीवन की दिशा में स्पष्टता प्रदान करता है।
- गहन अंतर्ज्ञान और अंतर्दृष्टि जागृत होती है।
- जटिल या असंभव प्रतीत होने वाले निर्णयों को सरल बनाता है।
- दुर्घटनाओं, भय और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा करता है।
- मन, बुद्धि और आत्मा को गहन स्तर पर संतुलित करता है।
- साधक को उच्च जागरूकता और स्थायी आंतरिक शांति की ओर मार्गदर्शन करता है।
Aakuraa.com द्वारा प्रस्तुत 14 मुखी रुद्राक्ष नेपाल की पवित्र भूमि से सावधानीपूर्वक चुने गए हैं, जहां प्रत्येक मनका शिव की दिव्य ऊर्जा का शक्तिशाली कंपन धारण करता है।
यह आपकी आध्यात्मिक यात्रा में शिव कृपा का जीवंत प्रतीक है।
- इस रुद्राक्ष को माथे या दाहिनी भुजा पर धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- सोमवार को पवित्र स्नान के बाद शिवलिंग की पूजा करें।
- 'ओम नमः शिवाय' या 'ओम शिवाय नमः' का 108 बार जाप करें।
- इसे तांबे, चांदी या पंचधातु में पहनें।
aakuraa.com - आपके जीवन में दिव्य आशीर्वाद लाने का एक पवित्र माध्यम।