6 Mukhi Rudraksha – The Power of Courage and Purity

6 मुखी रुद्राक्ष - साहस और पवित्रता की शक्ति

6 मुखी रुद्राक्ष - भगवान कार्तिकेय का दीप्तिमान रूप

"छह मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का प्रतीक है। इसे दाहिनी भुजा पर धारण करने से ब्रह्महत्या (ब्राह्मण हत्या) जैसे गंभीर पापों से मुक्ति मिलती है।"
- शिव पुराण, रुद्राक्ष महात्म्य

आध्यात्मिक महत्व

6 मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय या स्कंद का प्रतीक है, जो दिव्य योद्धा और विजय के देवता हैं।
यह रुद्राक्ष पहनने वाले के जीवन में साहस, शक्ति और विजय का स्रोत बनता है।
यह विशेष रूप से ब्रह्महत्या जैसे गंभीर पापों से मुक्ति के लिए जाना जाता है।
आंतरिक नकारात्मकता, भय और पीड़ा को दूर करके, यह रुद्राक्ष साधक को आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों तरह की गतिविधियों में सफलता का आशीर्वाद देता है।

लाभ और प्रभाव

-ब्रह्महत्या जैसे गंभीर पापों से मुक्ति मिलती है।
- साहस, इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को बढ़ाता है।
- शत्रुओं और बाधाओं पर काबू पाने में मदद करता है।
-मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
-जीवन के संघर्षों के दौरान आत्मविश्वास और लचीलापन पैदा करता है।

रुद्राक्ष aakuraa.com पर उपलब्ध है

हमारे प्रत्येक रुद्राक्ष को शास्त्रीय परंपराओं के प्रति श्रद्धा और अनुपालन के साथ नेपाल से मंगाया जाता है।
6 मुखी रुद्राक्ष भी पूरी तरह से प्राकृतिक और शक्तिशाली है, जो आपके जीवन में दिव्य कृपा लाता है।
प्रत्येक रुद्राक्ष का चयन सावधानीपूर्वक किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह पहनने वाले को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों लाभ प्रदान करे।

पहनने की विधि

मंगलवार को पवित्र स्नान के बाद भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
निम्नलिखित में से किसी भी मंत्र का 108 बार जप करें:
"ओम कार्तिकेय नमः", "ओम स्कंदाय नमः", या "ओम नमः शिवाय"।
फिर 6 मुखी रुद्राक्ष को चांदी, पंचधातु या लाल रेशमी धागे में धारण करें।

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