
8 मुखी रुद्राक्ष - निर्भयता और मुक्ति के लिए भगवान भैरव का दिव्य संरक्षण।
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8 मुखी रुद्राक्ष: अष्टमूर्ति भैरव का सुरक्षात्मक रूप
"आठ मुखी रुद्राक्ष अष्टमूर्ति भैरव का प्रतिनिधित्व करता है। इसे धारण करने से दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है और मृत्यु के बाद भगवान शिव से मिलन होता है।"
- शिव पुराण, रुद्राक्ष महात्म्य
आध्यात्मिक महत्व
आठ मुखी रुद्राक्ष भगवान भैरव का प्रतीक है , जो शिव का उग्र और सुरक्षात्मक रूप है।
यह सुरक्षा, स्थिरता और दीर्घायु का एक शक्तिशाली स्रोत है । यह रुद्राक्ष साधक की सभी दिशाओं से रक्षा करता है और आत्मा को मृत्यु के बाद शिव के दिव्य रूप के साथ अंतिम मिलन के लिए तैयार करता है - जो इसका सर्वोच्च आध्यात्मिक आशीर्वाद है।
यह बाधाओं को दूर करता है , खतरों से बचाता है, और जीवन को उच्चतर, दिव्य उद्देश्य की ओर ले जाता है।
लाभ और प्रभाव
दीर्घायु, स्वास्थ्य और दिव्य सुरक्षा प्रदान करता है ।
यह पहनने वाले को सभी आठ दिशाओं से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचाता है ।
असामयिक मृत्यु, भय और दुर्घटनाओं से रक्षा करता है ।
आत्मविश्वास, साहस और निर्णय लेने की शक्ति जागृत होती है ।
मृत्यु के बाद मुक्ति और शिव के साथ एकता प्राप्त करने में सहायता करता है ।
रुद्राक्ष Aakuraa.com पर उपलब्ध है
हमारे पास उपलब्ध सभी रुद्राक्ष नेपाल की पवित्र भूमि से श्रद्धापूर्वक प्राप्त किए जाते हैं ।
प्रत्येक 8 मुखी रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और शास्त्रों की प्रामाणिकता के अनुसार चुना जाता है , तथा अपने भीतर भगवान भैरव की सुरक्षात्मक ऊर्जा रखता है ।
पहनने की विधि
बुधवार या रविवार की सुबह स्नान करें और भगवान शिव या भैरव की प्रार्थना करें ।
'ओम अष्टभैरवाय नम:' या 'ओम नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें. भक्तिपूर्वक 108 बार जपें।
सर्वोत्तम परिणामों के लिए रुद्राक्ष को चांदी, पंचधातु या लाल रेशमी धागे में पहनें।
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